ऊर्मिया झील

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लेख सूचना
ऊर्मिया झील
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 192
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक सुरेंद्रकुमार सिंह

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ऊर्मिया उत्तरी-पश्चिमी ईरान में 37°-10´ और 38° -20´ उत्तरी अक्षांश और 45°-10´तथा 46°-0´ पूर्वी देशांतरके बीच स्थित एक झील है। इसका नाम इसके पश्चिमी किनारे पर स्थित ऊर्मिया नगर पर पड़ा है परंतु इसको 'दे-राचेह-ई-शाही' और 'शाही-कोल' भी कहते हैं। झील की औसत गहराई 15 से 16 फुट है तथा इसकी अधिकतम गहराई 50 फुट से अधिक नहीं है।

आधुनिक समयों में इसके जलपृष्ठ में बहुत परिवर्तन हुआ है। यह या तो धरातल की अस्थिरता के कारण अथवा इन क्षेत्रों में वाष्पीकरण की तुलना में वर्षा की मात्रा बढ़ जाने के कारण हुआ है। डी. मॉर्गन के अनुसार इस झील का क्षेत्रफल निम्न जलस्तर तथा उच्च जलस्तर पर क्रमानुसार 4,000 और 6,000 वर्ग किलोमीटर रहा है।

दक्षिण में लगभग 50 चट्टानी द्वीपों का समूह है, जिनमें कोयूनउग्घी सबसे बड़ा है। इसमें एक मीठे पानी का झरना है, जिसके पास कुछ लोग भेड़ बकरी पालने का व्यवसाय करते हैं। बाकी सभी द्वीप बसे नहीं हैं। इसके पूर्वी किनारे पर स्थित शरफ-खानेह बंदरगाह से इसके दूसरे भागों के लिए साप्ताहकि मोटर बोट के द्वारा यातायात की व्यवस्था है। यह खारे पानी की झील है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ