कोचीन चीन
कोचीन चीन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 155 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | प्रमिला वर्मा |
कोचीन चीन मलय प्रायद्वीप के धुर दक्षिण में स्थित वियतनाम गणराज्य का एक भूभाग जो 1859 और 1867 ई. के बीच फ्रांसीसियों के आधिपत्य में आया और वह फ्रांस द्वारा संरक्षित पाँच राज्यों में से एक था। वह 1945 ई. में वियतनाम गणराज्य का अंग बना।
इसका क्षेत्रफल 26,476 वर्गमील है। इसका पूर्वी तट दक्षिण चीन सागर में तथा पश्चिमी तट स्याम की खाड़ी में पड़ता है। उत्तरी सीमा उत्तरी वियतनाम तथा कंबोडिया की सीमाओं द्वारा निर्धारित होती है। सामान्य रूप से यह संपूर्ण प्रदेश मेकांग नदी का डेल्टा है; केवल उत्तर के कुछ भाग में अनैम पर्वत की श्रेणियों का समावेश होता है। मेकांग नदी द्वारा लाई हुई मिट्टी से निमित इस संपूर्ण डेल्टा का तटीय क्षेत्र बहुत नीचा है अत: अभी भी विस्तृत भाग दलदली है। इन भागों में वायुशिफ (मैनग्रोव Mangrove) के वन पाए जाते हैं; तथापि देश के संपूर्ण क्षेत्र का 36 प्रतिशत भाग कृषियोग्य है।
उष्ण कटिबंध में स्थित यह प्रदेश उष्ण एवं आर्द्र है। दलदल के क्षेत्र जलवायु को अधिक अस्वास्थ्यप्रद बना देते हैं। यह प्रदेश मानसून वायु के प्रभाव में है, जो शीतकाल में उत्तरपूर्व से तथा ग्रीष्मकाल में दक्षिणपश्चिम से आती है। दक्षिणपूर्वी मानसून से यहाँ वृष्टि होती है। यहाँ का औसत वार्षिक ताप 280 से. है। अप्रैल मई का औसत ताप 360 सें. तथा दिसंबर का 180 सें. के लगभग रहता है।
डेल्टा की उपजाऊ मिट्टी तथा उष्ण और आर्द्र जलवायु चावल की कृषि के लिये अत्यंत उपयुक्त है और 59,80,000 एकड़ भूमि में से 52,65,000 एकड़ भूमि में चावल उत्पन्न होता है। इस दृष्टि से इसकी तुलना बर्मा की ईरावदी नदी के डेल्टा से की जा सकती है। यहाँ की प्रमुख फसलों में शकरंद, मक्का, नील, पान, गरममसाले, चाय, फलियाँ, गन्ना, तंबाकू तथा कपास उल्लेखनीय हैं। उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों के कारण रबर का उत्पादन विकसित किया जा रहा है। पशुपालन कृषि का अंग है। भैंस, सुअर, घोड़े, भेड़ें और बकरियाँ बड़ी संख्या में पाली जाती हैं। भैंसों से ही कृषि संबंधी कार्य तथा यातायात के कार्य लिए जाते है। नदियों और सागरों के तटों पर मछली मारना यहाँ का एक प्रमुख उद्यम है। मछली से इस देश को लगभग 35,00,000 रुपए प्रतिवर्ष की आय होती है।
उत्तर के पर्वतीय प्रदेश में वनपशु प्रचुरता से पाए जाते हैं। इस देश का चीता अपनी उत्तम नस्ल के लिये विख्यात है। तेंदुआ, जंगली सूअर, भालू, विभिन्न प्रकार के बंदर, मगर तथा साँप यहाँ के मुख्य जीव-जंतु हैं।
प्रधानत: मैदान होने के कारण यहाँ केवल ग्रेनाइट तथा जेड की कुछ खाने हैं। टोकरियों तथा लकड़ी के भवनों के निर्माण में यहाँ के निवासी निपुण हैं।
डेल्टा के पूर्वी भाग में मेकांग नदी की एक शाखा पर यहाँ का प्रमुख नगर एवं बंदरगाह सैगाँव बसा है जो दक्षिणी वियतनाम की राजधानी है। इस बंदरगाह से चावल, मछली का तेल, रेशम, काली मिर्च, कपास तथा नारियल का निर्यात होता है। फ्रांसीसियों द्वारा बसाए जाने के कारण नगर पर फ्रांसीसी संस्कृति की स्पष्ट छाप है। तथापि भवनों के शिल्प, सड़कों की सजावट, लोगों की रहन सहन तथा वस्त्राभूषणों में स्थानीय संस्कृति स्पष्ट देखने में आती है। नगर में रासायनिक पदार्थ, शराब, दियासलाई, तंबाकू, वार्निश तथा चीनी बनाने के कारखाने हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ