क्योनागा
क्योनागा
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 196 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | पद्मा उपाध्याय |
क्योनागा (1752-1815 ई.) जापान का रंगमंचीय कलाकार। उरागा में जन्म; टोकियो में कियोमित्सू द्वारा चित्रशिक्षण। गुरु के मरने के बाद उनकी संपत्ति का स्वामी बना और रंगमंच चित्रण की महान् परंपरा को उसने महत्तर बनाया। रंगमंच के चित्रणों में वह अद्वितीय था। उसके चित्रों में रंगों की अनंतता है, उद्यपि उसे गुलाबी काई हरे पीले, भूरे और नीले रंग प्रिय हैं। उसके चित्रों में मानवों के अतिरिक्त पक्षियों, पुष्पों तथा अन्य प्राकृतिक प्रसंगों का निरूपण हुआ है साथ ही बर्तन भाँडे, मसहरियाँ समेटे हुए पर्दे आदि घरेलू वस्तुएँ भी रूपायित हैं। उसके चित्रों में प्रधान परिमित आवासों को सुंदरियों का चित्रालय और सायोनारा (विदा) हैं। कुछ चित्र उसने राजकन्याओं अथवा दरबार की महिलाओं के भी बनाए थे ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ