क्रकाउ
क्रकाउ
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 197 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नर्मदेवर प्रसाद |
क्रकाउ पोलैंड का एक प्रांत जो उत्तर में कील्से प्रांत, पूर्व में जेजाँड प्रांत, पश्चिम में स्लास्क प्रांत तथा दक्षिण में जेकोस्लोवाकिया देश से घिरा है।[१] इस प्रांत पर 1939 ई. में जर्मनों ने अधिकार कर लिया था। 1945 ई. में उन्होंने उसे पोलैंड को लौटाया। इस प्रांत का क्षेत्रफल 6, 146 वर्गमील है। इसमें विस्चुला और उसकी डूनाजेक और विस्लोका बहती हैं। इसका उत्तरी भाग उपजाऊ मैदान है किंतु मध्य भाग पठारीय है। इसके बोचनिया और वीलिज्का के नमक के खान प्राचीनकाल से प्रख्यात रहे हैं। इस प्रांत का अधिकांश भाग पोलैंड के प्रथम विभाजन के समय आस्ट्रिया के अधिकार में था और 1918 ई. तक पश्चिमी गैलीशिया कहलाता था। द्वितीय महायुद्ध के समय जर्मन सेना युद्ध आरंभ के प्रथम सप्ताह में ही इस प्रांत में घुस आई थी।
क्रकॉउ प्रांत के मुख्य नगर का नाम भी क्रकॉउ ही है। वह विस्चुला नदी के बाएँ किनारे पर बसा है और सामरिक दृष्टि से उसका महत्व है। कहा जाता है कि 700 ई. में यहाँ पोलिश राजकुमार क्राक ने एक दुर्ग स्थापित किया था। 10वीं शती में वह बोहोमिया में सम्मिलित कर लिया गया था। 1241 ई. में तातारियों के आक्रमण के फलस्वरूप नगर एक दम नष्ट हो गया था। बाद में जर्मन प्रवासियों ने इसे फिर से बसाया। और समृद्ध किया। 1305 ई. में पोलैंड नरेश लैडिस्लाउस लोकीटेक ने इसे अपनी राजधानी बनाया। 1799 में इस पर आस्ट्रिया ने अधिकार किया; 1809 ई. में नैपोलियन ने इसे वासरसा के डची का अंग बनाया। 1846 ई. में इसपर आस्ट्रिया का प्रभुत्व स्थापित हुआ। प्रथम महायुद्ध की समाप्ति पर यह पोलिश गणतंत्र में सम्मिलित किया गया। यहाँ के मुख्य उद्योग मशीन, कृषि-यंत्र, रसायन, साबुन, तंबाकू हैं। किंतु यह नगर मुख्यत: व्यापारिक केंद्र है। यहाँ निकटवर्ती प्रदेशों से माल आता और जाता है। 1965 ई. में यहाँ की जनसंख्या 5,20,0000 थी।[२]