क्लोनडिके

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
क्लोनडिके
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 244
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

क्लोनडिके कनाडा के उत्तर पश्चिम यूकॉनप्रदेश में स्थित 800 वर्ग मील का भू भाग जिसमें अनेक सोने उत्पन्न करनेवाले स्थल स्थित हैं। यहाँ 1895 में राबर्ट हैंडरसन ने सर्वप्रथम गोल्ड बाटम में सोने की खान का पता लगाया। 17 अगस्त, 1896 को जार्ज कार्मैक के साथ मिलकर पहली बार खुदाई की और उस खुदाई में ही अपार सोना प्राप्त हुआ। फिर तो लगभग सारे संसार से लोग धनी बनने की अभिलाषा लेकर इस प्रदेश पर टूट पड़े। जूने और स्कैगवे के नगर रातों रात बस गए। छह महीने के भीतर डाउसन नगर में 500 घर बन गए और एक वर्ष बीतते बीतते वह संसार का सबसे धनी खदान नगर बन गया। अनेक लोग इस देश तक पहुँचनेे से पहले ही ठंढ और रोग से मर गए।

सोने की खान का पता लगने के दो मास के भीतर ही इस प्रदेश से लगभग 50 लाख डालर सोना प्राप्त हुआ। एक खनिज के संबंध में बताया जाता है कि वह कुछ ही सप्ताह में डेढ लाख डालर कमा कर लौट गया था।

क्लोनडिके प्रदेश की जलवायु ध्रुवीय है। वर्ष के सात महीने वहाँ घोर शीत रहता है। यहाँ नाममात्र को अन्न पैदा होता है। मछली तथा अन्य शिकार के जानवर बहुतायत से मिलते हैं। यह देश मध्यारात्रि के सूर्य का देश है। मई के मध्य से अगस्त के प्रथम सप्ताह तक निरंतर दिन बना रहता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ