खारतूम
खारतूम
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 316 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | राजेंद्रप्रसाद सिंह |
खारतूम खारतूम प्रांत एवं सूडान की राजधानी[१] यह नगर नीली नील और श्वेत नील के संगम पर 1,252 की ऊँचाई पर स्थित है। यह सूडान पत्तन से रेलमार्ग द्वारा 432 मील दक्षिणपश्चिम और काहिरा से 1,345 मील दक्षिण है। सड़क, रेल, वायु तथा आंतरिक जलमार्ग द्वारा यह देश के अन्य भागों से संबद्ध है। यह अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण प्रमुख व्यावसायिक एवं राजनीतिक केंद्र है।
आधुनिक नगर के रूप में इसका पुनर्निर्माण 1898 ई. में लार्ड किचनर के योजनानुसार हुआ। यहाँ विभिन्न धर्मानुयायियों के गिरजाघर तथा बहुत से मकबरें हैं। यहाँ पर राज्य विश्वविद्यालय, गवर्नर जनरल का महल, सैनिक अस्पाल तथा गार्डन में मेमोरियल कालेज दर्शनीय है। यहाँ प्राविधिक संस्थान, नागरिक अस्पताल, औषध विद्यालय, सूडान वास्तुकला का संग्रहालय तथा काहिरा विश्वविद्यालय और उच्च न्यायालय की शाखाएँ भी है। सूडान वायुमार्ग का प्रधान कार्यालय भी यही है। 1965 में यहाँ की जनसंख्या 2,75,000 थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्थिति: 150 36’ उत्तरीय अक्षांश और 320 32’ पूर्वी देशांत