खिचिंग
खिचिंग
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 318 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
खिचिंग उड़ीसा स्थित भंज वंश की प्राचीन राजधानी। भंज का राजवंश चित्तौड़ के राजपूतों की एक शाखा थी। इस राज्य के दो खंड थे जो क्रमश: खिचिंग और खिंजली कहे जाता थे। इस राजवंश के संस्थापक वीरभद्र थे। उन्हें आदि भंज कहा जाता है। उनके संबंध में जनुश्रुति है कि उनका जन्म किसी पक्षी के अंडे से हुआ था और वशिष्ठ ऋषि ने उनका पालन पोषण किया।
खिचिंग में दो दुर्गो के अवशेष हैं जो विराटगढ़ और कीचक गढ़ कहे जाते हैं। भंज राजघराने की देवी चकेश्वरी कही जाती है। वहाँ उनकी एक दर्शनीय मूर्ति है। वहाँ नीलकंठेश्वर महादेव का मंदिर है जो वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय है। वह भुवनेश्वर के मंदिरों की परंपरा में बना है और कदाचित् 11वीं या 12वीं शती का है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ