खुफू
खुफू
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 326 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | भगवत शरण उपाध्याय |
खुफू प्राचीन मिस्र का एक फराऊन जो वहाँ के चतुर्थ राजवंश का प्रारंभयिता माना जाता है। प्रसिद्ध ग्रीक इतिहासकार हेरोदोतस् ने भ्रमवश उसे ऐतिहासिक विवरण में 20वें राजवंश के संदर्भ में रखा है, जो आधुनिक खोजों की दृष्टि से गलत है। प्रसिद्ध मिस्री पुराविद् पेत्री के अनुसार खुफू लगभग 3969 ई. पू. में उत्पन्न होकर लगभग 3908 ई. पू. में मरा और उसने 50 वर्ष राज किया। अन्य विद्वानों का मत इससे भिन्न है जो 2900 ई. पू. के लगभग उसका 23 वर्ष राज करना संभव मानते हैं। आबीदोस के मंदिर आदि में मिली कुछ प्राचीन सामाग्रियों के आधार पर खुफू की ऐतिहासिकता में संदेह नहीं है। प्राचीन मिस्री परंपराओं के आधार पर कुछ विद्वान् इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि खुफू ने प्राचीन मंदिरों को बंद कर दिया था, उनकी देवोत्तर संपत्ति छीन ली थीं और प्राचीन देवताओं का पूजन समाप्त कर दिया था। उसकी विशेष प्रसिद्धि गीजा के महान् पिरामिड के निर्माण पर संस्थित है। कहते हैं, उसे बनवाते समय उसने हर तीसरे महीने एक एक लाख मिस्री मजदूरों को उपयोग किया था। खुफू संभवत: मध्य मिस्र में बनीहसन के निकट किसी नगर में जन्मा था जिसे, उसके जन्म के कारण ही, खुफू की धाय कहा जाने लगा था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ