खुर्रम शहर
खुर्रम शहर
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 330 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | राजेंद्रप्रसाद सिंह |
खुर्रमशहर फारस की खाड़ी के मुँह से 35 मील उत्तर-पश्चिम शत्तुल अरब और कारूँ नदियों के संगम पर बसा हुआ ईरान का प्राचीन नगर तथा प्रमुख बंदरगाह।[१] इसका पुराना नाम मुहम्मेरा (मोहम्मेरा) है। ईरान में तेल की प्राप्ति से इसकी महत्ता और बढ़ गई है तथा 1943 ई. में रूस को पट्टे पर देने के लिए संयुक्त राज्य की सेना द्वारा इसे आधुनिक सुविधाएँ प्रदान की गई। इस बंदरगाह से खजूर, चावल, गोंद, कपास और चमड़ा बाहर भेजा जाता है। यह रेलमार्ग द्वारा आहवाज से तथा सड़क द्वारा तेहरान से मिला हुआ है। खुर्रमशहर संसार के उष्णतम नगरों में से एक है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्थिति : 300 27’ उत्तरीय अक्षांश और 480 19’ पूर्वी देशांत