ख्यांग
ख्यांग
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 336 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
ख्यांग असम के अराकान पर्वत के बाह्य भाग में कुलाडन नदी के किनारे रहने वाली आदिवासी जाति। ये लोग घर न बनाकर गुहाओं में रहते हैं और पशु चर्म और ऊन से बने वस्त्र पहनते हैं इनकी धारणा के अनुसार ईश्वर के दो रूप हैं। एक तो खोजिंग नामक देव है जो अराकान पर्वत के उच्च शिखर पर रहता है और सिंह उसका प्रहरी है। संकट के समय वे पशुबलि देकर उसे संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। दूसरा ईश्वर पैंती है जो दूर पश्चिम किसी महल में रहता है। सूर्य उसका सचिव है। वह दिन भर संसार की गतिविधि पर तीव्र दृष्टि रखता है और सायं.
टीका टिप्पणी और संदर्भ