गजेंद्र

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
गजेंद्र
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 353
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

गजेंद्र सहजिया सिद्धों का एक अत्यंत प्रिय प्रतीक। कण्हपाद ने गजेंद्र को अविद्या का प्रतीक कहा है। चर्यापाद के एक अन्य साधक ने उसे चित्त का प्रतीक माना है। गजेंद्र को मत्त करनेवाली आसव ज्ञान आसव है। उसका सवोवर महासुख सरोवर अर्थात्‌ गमन है। जिन दो खंभों पर वह टिका है वह संसार पाश है और उसकी श्रृंखला अविद्या है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ