गोदावरी नदी
गोदावरी नदी भारत की एक प्रसिद्ध नदी है। यह नदी दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक बहती है। नदी की लंबाई करीब करीब 900 मील है। गोदावरी नदी बंबई राज्य के नासिक जिले के त््रयंबक गाँव की पृष्ठवर्ती पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है। मुख्य रूप से नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर है। ऊपरी हिस्से में नदी की चौड़ाई एक से दो मील तक है, जिसके बीच बीच में बालू की भित्तिकाएँ हैं। समुद्र में मिलने से 60 मील पहले यह नदी बहुत ही सँकरी उच्च दीवारों के बीच से बहती है। बंगाल की खाड़ी में दौलेश्वरम् के पास डेल्टा बनाती हुई, सात धाराओं के रूप में जिसमें गौतमी गोदावरी मुख्य हैं यह नदी समुद्र में गिरती है।
गोदावरी नदी धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र मानी जाती है। प्रति 12वें वर्ष पुष्करम् का स्नान करने के लिये राजमुंद्री के पास बहुत बड़ा मेला लगता है। नदी अपने ऊपरी भाग में पठारी तथा पर्वतीय मार्ग से होकर बहती है अत: वहाँ इसका पानी सिंचाई के लिये नहीं प्रयुक्त किया जाता है, नहरें निम्न भाग से निकाली गई हैं। दौलेश्वरम् के पास का बाँध सर आर्थर काटन ने बनवाया था, जिससे तीन प्रमुख नहरें निकाली गई हैं। यहाँ पर नदी साढ़े तीन मील चौड़ी है जिसके ऊपर रेल का विशाल पुल है। इस योजना से 10 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। सिंचाई की अन्य योजनाएँ भी इस नदी पर लागू हैं। कृष्णा-गोदावरी-डेल्टा का जलमार्ग भी 1864 ई. में बन गया है। गोदावरी नदी पर्वतीय तथा पठारी नदी है जिसमें पर्याप्त झरने हैं अत: जल यातायात के लिये उपयुक्त नहीं है। नदी की उत्तरी मुख्य सहायक नदियाँ दुदना, प्राणहिता, इंद्रावती, सवरी आदि हैं। दक्षिण से मिलनेवाली प्रधान नद मंजरा है। भारत सरकार ने गोदावरी तथा उसकी सहायक नदियों से लाभ उठाने के लिये बहुत सी योजनाएँ बनाई हैं जिसमें से कुछ पर निर्माण कार्य प्रारंभ है। अनुमान है कि गोदावरी नदी में पर्याप्त मात्रा में जल-शक्ति निहित है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ