ग्रेनविल, जार्ज
- ग्रेनविल, जार्ज (१७१२-१७७०) १७८१ से मृत्यु पर्यंत यह ब्रिटिश संसद के सदस्य रहे।
- जार्ज तृतीय ने इन्हें प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया।
- ग्रेनविल ने पुरातन औपनिवेशिक पद्धति को कठोर कर दिया। १७६५ में उन्होंने मुद्रांक अधिनियम (स्टांप ऐक्ट) पास किया तथा मुद्रांकों से अर्जित आय ब्रिटिश राजकोश में संग्रहीत होने लगी।
- इस प्रत्यक्ष कर के आरोपण से अमेरिका में तूफान उठ खड़ा हुआ और उपनिवेशों की सभा में ब्रिटेन की कठोर नीति का उन्होंने विरोध किया। ग्रेनविल ने तर्क किया कि ब्रिटिश संसद् प्रभुतासंपन्न है, अत: कर लगाना सर्वप्रभुत्व का द्योतक है।
- नि:संदेह कानून-ग्रेनविल के साथ था किंतु उन परिस्थितियों में कर लगाना व्यवहारबुद्धि की कमी का परिचायक है। १७६५ में जार्ज तृतीय ने इनकी वाचालता से त्रस्त होकर, इन्हें प्रधान मंत्री पद को त्यागने के लिये बाध्य किया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ