चार आइमाक
चार आइमाक
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 191 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
चार आइमाक फारसी और तुर्की भाषा में आइमाक का अर्थ जाति होता है। ये लोग हिरात और काबुल के उत्तर पर्वतीय प्रदेशों में बसे हुए हैं। इनके वंशानुसंक्रमण में मतांतर है। कहा जाता है, ये लोग फिरोजकोह में तैमूर खाँ से पराजित होकर उत्तर की पर्वतमालाओं में जा बसे थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ