चाल्र्स एकवर्ट क्रेडलाक़
चाल्र्स एकवर्ट क्रेडलाक़
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 222 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
चार्ल्स एकवर्ट क्रैडलाक (1850-1922 ई.) अमरीकी लेखिका मेरी न्वायल्स र्मफ्री का छद्मनाम। बचपन में यह पक्षाघात के कारण अपंग हो गई थी, फिर भी उसने नैशविले और फिलाडेल्फिया में शिक्षा प्राप्त की। गर्मी के दिनों में वह पूर्वी टेनेसी के पर्वतों में जाया करती थी। उसका वहाँ के आदिवासियों से निकट परिचय हुआ और उनका उसने अपनी रचनाओं में प्रमुख रूप से चित्रण किया है। उसकी रचनाएँ जब एपल्टन जर्नल और अतलांतिक जर्नल में प्रकाशित हुईं तब कोई कल्पना न कर सका कि यह कहानियाँ किसी महिला की लिखी हुई हैं। उसने इस रहस्य का उद्घाटन 1884 ई. में किया जब उसकी कहानियों का पहला संग्रह ‘इन द टेनेसी माउंटेंस’ प्रकाशित हुआ। उसने अपनी कहानियों में पर्वतवासियों के कठोर जीवन का चित्रण किया है जो विकसित सभ्यता से अलग थलग, परंपराओं और रिवाजों के बीच रहते और अपनी एक विशिष्ट भाषा में बोलते हैं। उसकी रचनाएँ प्राकृतिक चित्रण से भरी हुई हैं। उसके प्रमुख उपन्यास ‘द बैटल वाज़ फाट’ (जहाँ युद्ध हुआ था, 1884 ई.) में दक्षिण के पुराने सामंतवादी जीवन का चित्रण है; डाउन द रैवाइन (खड्ड के नीचे, 1885 ई.) ; द स्टोरी ऑव ‘कीडन ब्लफ्स़’ (कीडन ब्ल़फ्स की कहानी, 1887 ई.) ; ‘द प्राफ़ेट ऑव द ग्रैट स्मोकी माउंटेन’ (बड़े काले पर्वत का मसीहा, 1885 ई.); ‘इन द क्लाउड्स’ (बादलों के भीतर, 1886 ई.); ‘द डिस्पाट ऑव ब्रूमसेज कोव’ (ब्रूमसेज कोव का स्वेच्छाचारी शासक, 1888 ई.); ‘हिज़ वैनिश्ड स्टार’ (उसका बुझा सितारा, 1894 ई.); तथा कहानी संग्रहों में द मिस्ट्री ऑव विचफेस माउंटेन (मायामुखी पर्वत का रहस्य, 1895 ई.); ‘फटैंम्स ऑव द फुटब्रिज’ (फुटब्रिज का भूत); ‘यंग माउंटेनियर्स’ (युवा पर्वतारोही, 1897 ई.) और ‘द बुशह्वेकर्स’ (जंगली महामानव, 1899 ई.) प्रमुख हैं।
क्रैडलाक की मृत्यु मरफ्रीवोरो (टेनेसी) में 21 जुलाई, 1922 ई. में हुई।
टीका टिप्पणी और संदर्भ