चिली
चिली
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 231 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | शिवनदंन सहाय |
चिली स्थिति : 17° 30¢ से 55° 0' द.अ. तथा 71° 15' प.दे.। दक्षिणी अमरीका में प्रशांत महासागर के तट पर स्थित गणतंत्र राज्य है। यह लंबी तंग भूमि पर केपहार्न से उष्णकटिबंधीय टैकना घाटी तक विस्तृत है। उत्तर में पेरू, पश्चिम तथा दक्षिण में प्रशांत महासागर और पूर्व में बालीविया, आर्जेटीना और अटलांटिक महासागर से घिरा हुआ है। इसकी औसत लंबाई 2,660 मील, चौड़ाई 110 मील तथा क्षेत्रफल 2,86,396 वर्ग मील है। संपूर्ण देश 25 प्रशासकीय प्रांतों में विभक्त है। जूऐन फरनैंनडीज द्वीप (Juan Fernandez) ईस्टर द्वीप, सलाई गोमेज़ (Salay Gomez) तथा टिएरा डेल फूएगो (Tierra del Fuego) का कुछ भाग भी चिली चिली गणतंत्र में संमिलित है। गणतंत्र को तीन प्राकृतिक भागों में विभक्त किया जा सकता है।
1. उत्तरी मरुभूमि, 2. सम जलवायु का मध्यभाग तथा 3. ठंढा और तूफानी दक्षिणी भाग।
उत्तरी मरुभूमि - लगभग 800 मील लंबा विषुवत् रेखा का दक्षिणी भाग है जिसे आटाकामा का मरुस्थल कहते हैं। आटाकामा 50 मील चौड़े तथा 3,000 फुट उन्नयनवाली बेसिनों की श्रृंखलाओं द्वारा निर्मित है, जो ऐनडीज के पश्चिमी आधार और समुद्रीय क्षेत्र (Coast range) के मध्य में है। यहाँ कोई भी सुरक्षित बंदरगाह नहीं है। इस भाग में कई वर्षों तक वर्षा नहीं होती। आरीका बंदरगाह तथा कोप्यापो (Copiapo), जो आटाकामा की उत्तरी तथा दक्षिणी सीमा निर्धारित करते हैं, के मध्य के मरूद्यान में केवल लोआ नदी प्रवाहित होती है। इस भाग में ताँबा तथा सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट और आयोडीन के लवण प्राप्त होते हैं। संसार की आवश्यकता का 75 प्रतिशत नाइट्रेट चीली से प्राप्त होता है।
मध्य चिली - यहाँ ऐंडीज़ की 22,835 फुट ऊँची ऐकनकाग्वा (Aconcagua) चोटी है। समुद्रीय क्षेत्र की ऊँचाई 2,500 फुट से 7,000 फुट के मध्य में है। टालकाबानो (Talcahvano) तथा बालडीव्या (Valdivea), केवल ये ही दो सुरक्षित बंदरगाह है। बालपाराइसो बंदरगाह को तरंगरोध से बचाना पड़ता है। यहाँ नदियाँ पश्चिमी समुद्री किनारे की अेर बहती हैं। उत्तर में सेनतिआगो के समीप घाटी की सतह 2,300 फुट ऊँची है जिसका पूर्वी भाग ऐनडीयन नदी की चौड़ी जलोढ़ पंखी का बना हुआ है। दक्षिण रीओ बीओ-बीओ घाटी की सतह समुद्रतल से 300 से 400 फुट ऊँची है। यहाँ हल्की वर्षायुक्त सर्दी एवं ठंढी तथा वर्षारहित गर्मी होती है। ऐनडीन नदी का जल ग्रीष्म ऋतु में सिंचाई के काम आता है। रीओ बीओ-बीओ के दक्षिण में भारी वर्षा होने के कारण घने जंगल हैं। यहाँ सोने चाँदी की खाने भी हैं किंतु उत्पादन बहुत कम होता है। दक्षिणी भाग - यहाँ 200¢ ¢ तक वर्षा होती है। हिम और सहिम वर्षा यहाँ के लिये साधारण है। यह भाग हिम नदी की प्रतिक्रियाओं के कारण निर्मित हुआ है। यहाँ कोयले की खानें हैं जिनसे घरेलू उपयोग तथा पड़ोसी देशों को निर्यात करने योग्य कोयला प्राप्त होता है।
संसार के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा चिली में अक्षांशीय क्षेत्र में घनी जनसंख्या हैं। यहाँ की कुल जनसंख्या 70,30,000 (1960) थी। यहाँ की आठ प्रतिशत भूमि पर गेहूँ, जौ, जई, आलू, सेम वर्गीय फलियाँ, ऐल्फाल्फा तथा मूँग या मोठ की खेती होती है। गेहूँ प्रमुख पैदावर है जो एक एकड़ में 18 से लेकर 28 बुशल तक उत्पन्न हाता है। 12 प्रतिशत भूमि पर अंगूर के बगीचे हैं। सैनतिआगो में चिली के 50 प्रतिशत उद्योग हैं। इमारती लकड़ी का व्यवसाय यहाँ बढ़ रहा है। अधिकांश लकड़ी का उपयोग देश में ही हो जाता है तथा कुछ का निर्यात हाता है। मत्स्य उद्योग भी उन्नति कर रहा है। यहाँ लगभग 200 प्रकार की मछलियाँ प्राप्त होती हैं। चिली में पर्यटकों के लिये बालपाराइसो के पास बीन्या देल मार (Vina del mar) और चिलीयन झील क्षेत्र स्थि ओसारनो पहाड़, टॉनाडोर पहाड़, टोदोजलास सैनटोस (Todoslos santos) तथा यांग कीवे (Llanquihue) झील आकर्षण के केंद्र हैं। (अ.ना.मे.)
चिली का इतिहास - दक्षिण अमरीका का एक गणराज्य, राजधानी सेंटियागो है। 1541 में 'पेड्रो डि वाल्डिविया' नामक स्पेनी ने इस नगर की स्थापना की थी। उसने बायो बायो नदी के उत्तर के चिली के भाग को स्पेन के अधिकार में कर लिया था। इसपर अनेक युद्ध हुए और वाल्डिविया युद्ध में मारा गया। अंतत: स्पेन ने 1810 में चिली की स्वतंत्रता घोषित कर दी, यद्यपि पूर्ण स्वतंत्रता 1818 में जलसेना द्वारा प्राप्त हुई। 1818 से 1823 तक ओहिगिंस ने अधिनायक की स्थिति से चिली की जलसेना, कृषि, नगर तथा व्यापार का उत्थान किया। इसी समय रूढ़िवादी और उदारवादी दो राजनीतिक दल उभरे, किंतु ये भी समाज के उच्च वर्ग का ही प्रतिनिधित्व करते थे। लंबे संघर्ष के बाद संघोय शासनतंत्र के विरुद्ध सत्ता के केंद्रीकरण की विजय हुई। डियेगो पोटेंलीज ने 1830 से 1837 तक स्थायी सरकार स्थापित रखी।
इसी बीच तीन वर्ष तक (1836-39) उसने पेरू के विरुद्ध सफल युद्ध करके बोलिविया और पेरू के संघ को भंग कर दिया। तत्पश्चात् चिली ने पैटागोनिया और टेराडेलफ्यूगों पर अधिकार कर लिया।
1831 से 1861 तक रुढ़िवादी दल का राज्य रहा, किंतु इसके बाद 1891 तक उदारवादी दल ने भी सरकार निर्माण में सहयोग दिया। 1879 से 1883 तक चलनेवाले पैसिफिक युद्ध के पश्चात् 1883 की संधि के अनुसार एंटोफैगस्टा के संमुख बोलिविया ने और टरापका के संमुख पेरू ने आत्मसमर्पण किया। यह स्थिति 1929 तक रही फिर अमरीका की मध्यस्थता से टेनका पेरू में और एरिका चिली में मिल गया।
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद चिली में वामपंथी शक्तियाँ संगठित हुई। प्रथम बार मध्यमवर्ग का प्रतिनिधि अलेसांद्री पामा राष्ट्रपति हुआ। 1925 में उसने नए संविधान द्वारा संसदीय प्रणाली को हटाकर कार्यपालिका की स्थापना की। किंतु उसका संविधान कांग्रेस में मान्य नहीं हो सका। अलेसांद्री को 1925 में ही राष्ट्रपति पद से त्यागपत्र देना पड़ा। 1927 से 1931 तक एक सैनिक सत्तारूढ़ रहा। अलेसांद्री पुन: राष्ट्रपति चुना गया। 1938 के निर्वाचन में उदारवादी और वामपंथी गुट की विजय हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय आर्थिक अव्यवस्था के कारण इसकी आंतरिक स्थिति अच्छी नहीं थी। फलत: 1948 तक शांति स्थापित नहीं हो सकी।
1952 में जनरल इबानीज ने निर्वाचित होकर शांतिस्थापना की दिशा में प्रयत्न किए। किंतु कांग्रेस पर उसका प्रभाव न होने के कारण उसका मंत्रिमंडल टिक नहीं सका। 1958 में अलेसांद्री पामा का पुत्र राड्रीग्वेज अनुदार (कंजर्वेटिव) और उदार (लिबरल) दलों के समर्थन से राष्ट्रपति बना। 1960 के भूकंप ने चिली की आर्थिक स्थिति को पुन: धक्का दिया। उसके बाद देश प्रगति की ओर पुन: अग्रसर हो रहा है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ