जोज़ेफीन
जोज़ेफीन (१७६३-१८१४) मेरी रोज़ जोज़ेफीन ताखे द ला पागरी, मार्तिनिक के द्वीप में २३ जून, १७६३ ई. को जन्म। लेफ्टिनेंट जोसेफ टासर द ला पागरी की सबसे बड़ी लड़की जो बाद में फ्रांस की सम्राज्ञी बनी। १६ वर्ष की अवस्था में जोज़ेफीन का विवाह वाइकाउंट अलेक्जांद्र बोहार्ने से हुआ और वह दो पुत्रों की माँ बनी। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान में जेकोविंस द्वारा संदिग्ध घोषित होने पर उसका पति बंदी बना लिया गया और दंडित हुआ। जोज़ेफान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और कठिन परिस्थितियों से घिर गई। किंतु परिस्थितियाँ बदलीं और १७९५ ई. तक वह पेरिस में रानी बन चुकी थी। पर वह समय था जब नेपोलियन बोनापार्टं उन्नत्ति के शिखर पर चढ़ रहा था। नेपोलियन के इटली की सेना का प्रधान नियुक्त होने के समय जोज़ेफीन ने उससे विवाह कर लिया। उसके विद्रोहकाल में जोज़ेफीन को लिखे बोनापार्ट के पत्रों से उसका उसके प्रति गहरा प्रेम स्पष्ट झलकता है किंतु जोज़ेफीन ने उसके पत्रों का यदाकदा ही उत्तर दिया। बोनापार्ट के मिस्र के प्रवासकाल (१७९८-९९) में जोज़ेफीन हिपोलित चार्ल्स नामक एक अधिकारी के प्रेमपाश में बँध गई। लौटने पर बोनापार्ट ने जोज़ेफीन का परित्याग करना चाहा किंतु उसके आँसुओं और क्षमानिवेदन से द्रवित हो उसने उसे क्षमा कर दिया। १७९९-१८०४ ई. के बीच जोज़ेफीन और बोनापार्ट के संबंध अच्छे बने रहे। लेकिन बोनापार्ट की माता और भगिनी उसे जोज़ेफीन का परित्याग करने के लिये उस समय से ही विवश करने लगीं, जब अगस्त १८०२ ई. में वह प्रथम आजन्म कान्सुल बना। मई १८, १८०४ ई. को जब साम्राज्य की घोषणा हुई, जोज़ेफीन ने परिस्थिति की विकटता को सँभालने के लिये १ दिसंबर, १८०४ ई. को संपन्न हुए राज्याभिषेक के दिवसावसान में नेपोलियन बोनापार्ट से धार्मिक रीतियों से पुन: विवाहित होने की कामना व्यक्त की। पुन: विवाह हुआ किंतु जोज़ेफीन की सतर्कता के बावजूद विवाह-रीतियों में एक व्यवधान लाने में बोनापार्ट सफल हो गया और विवाह दोषपूर्ण मान लिया गया। जोज़ेफीन से बोनापार्ट को कोई संतान नहीं हुई जिसको राजनयिकदृष्टि से दोष मानकर उसने जोज़ेफीन का परित्याग कर दिया। जोज़ेफीन के गौरवमय जीवन का अंत मई २९, १८१४ ई. को पेरिस के निकट ला मालमेसन में हुआ, जिस स्थान को उसने अलभ्य फूलों और पौधों से सँवारा था