जोहैनिसबर्ग

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लेख सूचना
जोहैनिसबर्ग
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5
पृष्ठ संख्या 65
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेवसहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1965 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक राजेंद्र प्रसाद सिंह

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जोहैनिसबर्ग अफ्रीका गणतंत्र का यह सबसे बड़ा तथा अफ्रीका महाद्वीप में काहिरा के बाद दूसरा बड़ा नगर है जो डर्बन से ४८२ मील तथा केपटाउन से ९५७ मील की दूसरी पर ५,७४० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। ट्रेंसवाल प्रदेश के महासर्वेक्षक 'जोहैंस रिसिकद्ध के नाम पर इसका नामकरण हुआ है। १८८६ में स्थानीय मिश्रपिंडाश्म (Conglomerate) की तहों में सोने की प्राप्ति से यह अस्तित्व में आया। समीपवर्ती क्षेत्रों से रेलों द्वारा संबद्ध हो जाने पर खनन उद्योग का पर्याप्त विकास हुआ। दक्षिणी ट्रेंसवाल प्रदेश का यह नगर संसार में सबसे अधिक, स्वर्णधनी विटवाटर्ज रैंड क्षेत्र के बीच मे स्थित है तथा केवल सोने के कारण प्रमुख औद्योगिक नगर है। समुद्रतल से भी नीचे यहाँ सोने की खुदाई होती है। यहाँ यूरेनियम, कोयला, लोहा तथा अन्य खनिज भी पाए जाते हैं। इनका नियंत्रण 'जोहैनिसबर्ग चेंबर ऑव माइंस' द्वारा होता है।

ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का जलवायु सुखद है। नगर का औसत वार्षिक ताप ९o सेंo २२o सेंo तक तथा औसत वार्षिक वर्षा ३०" है।

नगर से तीन मील उत्तर-पूर्व में केंद्रीय वेधशाला है जो २६.५" वाले दूरवीक्षण यंत्र से सुसज्जित है। येल तथा लाइडेन विश्वविद्यालयों द्वारा भी यहाँ ऋतुवेधशालाएँ स्थापित हैं।

यहाँ हाल में ही आटाचक्कियाँ, लोहइस्पात ढलाई, साजसज्जा निर्माण, भोजन, पेच एवं तंबाकू उद्योग विकसित हुए हैं। इंजीनियरिंग और हीरा काटने का भी काम होता है। मांस के बड़े बड़े शीत भंडार भी यहाँ हैं। १९०३ ईo में स्थापित स्कूल ऑव माइंस ऐंड टेक्नालोजी ही १९२१ ईo में सर्वप्रमुख संस्था विटवाटर्ज़रैंड विश्वविद्यालय हुआ तथा यह बर्नार्ड प्राइस इंस्टिट्यूट ऑव जियोफिजिकल रिसर्च, दि माइंस डिपार्टमंट मिनरल रिसर्च लेबोराटरी, संसारप्रसिद्ध इंस्टिट्यूट फॉर मेडिकल रिसर्च तथा अन्य शोधसंस्थाओं से युक्त है। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में ९,३४,००० पुस्तकें हैं। यहाँ का तकनीकी संस्थान २५,००० विद्यार्थियों को शिक्षा देता है। यहाँ सैकड़ों नर्सरी, प्राइवेट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एक कला गैलरी, नागरिक वाद्यवृंद, सांस्कृतिक, तकनीकी और इंजीनियरिंग समितियाँ, क्लब, थियेटर, घुड़दोड़ का मैदान, बर्फ पर सरकने का मैदान, खेलकूद मल्लभूमि, औषधालय, आकाशवाणी केंद्र, गिरिजाघर तथा १४४ एकड़ में संग्रहालय है।

यह रेल, सड़क तथा वायुमार्गों का केंद्र है। नगर तथा अंचलों में अच्छी बस तथा विद्युत ट्राम सेवाएँ, गैस, विद्युत्‌ तथा जलपूर्ति की सुविधाएँ हैं। यहाँ का जीवनस्तर अन्य दक्षिण अफ्रीकी नगरों से महँगा है। मकान और वस्त्र का मूल्य ऊँचा तथा भोजन सस्ता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ