झाँसी
झाँसी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5 |
पृष्ठ संख्या | 101 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | फूलदेवसहाय वर्मा |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1965 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | सय्यद मुज्जफ्फरअली |
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झाँसी (जिला) उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसका क्षेत्रफल ३,८८५ वर्ग मील है। इसके दक्षिण-पूर्व में विंध्य पठार का भाग हैं। शेष भाग में पहाड़ियाँ और काली मिट्टी का उँचा नीचा मैदान हैं। बेतवा यहाँ की महत्वपूर्ण नदी है। जमनी और धसान सहायक नदियाँ हैं। जलभाट, बरुवासागर, पछवारा, मगरवारा यहाँ के प्रमुख तालाब हैं। जिले में काली और भूरी मिट्टियाँ प्रमुख है। गेहूँ, काँस, ज्वार, बाजरा, कपास तथा तेलहन यहाँ कृषि में प्रमुख हैैं। जिले में नौ नगर हैं। काछी, अहीर, राजपूत, प्रमुख उपजातियाँ हैं यहाँ के पुरातत्व की दृष्टि से महत्व के स्थानों में चाँदपुर, देवगढ़, दुधई, ललितपुर, मदनपुर प्रमुख हैं। सूती, ऊनी और रेशमी कपड़ा बुनना तथा पीतल का बरतन बनाना इस जिले के प्रमुख उद्योग हैं। झाँसी नगर यहाँ का महत्वपूर्ण रेलवे जंकशन है।
२.तहसील, उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में है। इसका क्षेत्रफल ४९९ वर्ग मील है। इसके मध्य का भाग ऊँचा और पहाड़ी है। उत्तर में काली मिट्टी का मैदान और दक्षिण में वन है। बेतवा यहाँ की प्रमुख नदी है। उत्तरी भाग कृषिप्रधान है। गेहूँ, ज्वार, बाजरा तथा कपास यहाँ के प्रमुख कृषि पदार्थ हैं। सूती और ऊनी कपड़े बनाना यहाँ का मुख्य उद्योग है। झाँसी प्रमुख नगर और रेलवे जंकशन है।
३. नगर, स्थिति: २५° २९¢ उ० अ० तथा ७८° ३५¢ पू० दे०। यह उत्तर प्रदेश का नगर, तहसील और जिला है। यहाँ मध्य रेलवे का बड़ा जंकशन हैं। नगर एक किले के चारों ओर स्थित है। इसे बलवंतनगर नाम से भी जाना जाता है। १८५७ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध किया था और अपने प्राणों की बलिदानी दी थी नगर के उद्योगों में आयुवेंदिक दवाइयों का कारखाना, बीड़ी, साबुन, तेल और सुगंधित तंबाकू का निर्माण, कृषि के औजार बनाना और फल संरक्षित करना प्रमुख हैं। यहाँ के दर्शनीय स्थानों में झाँसी का किला, लक्ष्मीमंदिर, दुर्गामंदिर, मुरलीमनोहर, कुंजबिहारी तथा सिद्धेश्वर महादेव के मंदिर और रानीमहल आदि हैं। यहाँ एक विश्वविद्यालय कई महाविद्यालय, १० इंटरमीडिएट कालेज तथा कई स्कूल हैं। एक पॉलिटैकोनक विद्यालय भी यहाँ बना है रानीमहल के पास एक शासकीय अस्पताल और विदेशी संस्थाओं द्वारा स्थापित दो अन्य अस्पताल हैं। नगर में क्षय चिकित्सा से संबंधित एक अस्पताल है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ