झालावाड़

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राजपूताना का एक राज्य

दक्षिण-पूर्वी राजपूताना का एक राज्य किंतु अब जिला है। इसके दक्षिण भाग में पहाड़ियाँ तथा मैदान हैं। चंबल एवं काली सिंध यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। इसकी मिट्टियाँ काली, उपजाऊ, रेतीली एवं पथरीली हैं। राज्य ज्वार, मक्का, कपास, गेहूँ और चने की खेती में प्रधान था। जनसंख्या में (वैश्णव जैन), मुसलमान (सुन्नी) दोनों हैं। मालवी और हड़ भाषाएँ प्रचलित हैं। राज्य में पुरातत्व की दृष्टि से महत्व के समय में झालरापाटन के पास चंद्रावती नगर तथा खोवली गाँव के पास पत्थर के स्तूप प्रमुख हैं। सूती कपड़े बुनना, फर्शी दरी तथा ... बुनना और चाकू, तलवार आदि हरबे हथियार बनाना यहाँ प्रमुख उद्योग हैं। जिले का क्षेत्रफल २,४०५ वर्ग मील है।

काठियावाड़ का एक संभाग

भूतपूर्व काठियावाड़ का एक संभाग था। क्षेत्रफल ३,९७ वर्ग मील था। झाला राजवंश के कारण इसका नाम झालावाड़ पड़ा।

टीका टिप्पणी और संदर्भ