ताजिक जनतंत्र
ताजिक जनतंत्र रूसी मध्यवर्ती एशिया का दक्षिण-पूर्वी भाग है। पूर्व में इसकी सीमा चीन के शिंज़ियांग प्रांत से तथा दक्षिण में अफगानिस्तान से मिलती है। दक्षिणी सीमा के साथ साथ आमू नदी बहती है। इस जनतंत्र का क्षेत्रफल १,४३,१०० वर्ग किलोमीटर है। यहाँ की संपूर्ण जनसंख्या में ७५ प्रतिशत ताजिक जाति के लोग हैं, शेष रूसी, खिरगीज एवं उजबेक हैं।
ताजिक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है, जिसकी अधिकांश पर्वतश्रेणियाँ पूर्व पश्चिम दिशा में फैली है। जिसकी हिमनदियों से अधिकांश नदियाँ निकलती हैं, जिनकी घाटियाँ ३,५०० से ४,५०० मीटर ऊँची हैं। यह प्रदेश मुख्य की नदियों की घाटियाँ मुख्यतया हिसार तथा वक्ष बहुत ही गर्म तथा शुष्क हैं, किंतु पर्वतीय ढालों पर कुछ वर्षा हो जाती है। कृषिकार्य मुख्यत: इन्हीं घाटियों में होता है। इन्हीं घाटियों में सिंचाई द्वारा कपास, चारा, धान, फल शहतूत आदि की खेती होती है। कपास मुख्य रूप से वक्ष की घाटी में ही होता है।
पूर्वस्थित पामीर का पठारी भाग अधिक ऊँचा, ठंढा तथा शुष्क है। यहाँ की प्रधान फसलें गेहूँ तथा जौ हैं। पशुपालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। याक यहाँ का मुख्य बहुत ही कम हैं तथापि इन भागों में जनसंख्या का घनत्व अन्य भागों की अपेक्षा अधिक है। यहाँ प्राप्त होनेवाले खनिज पदार्थ सोना, टिन, सीसा, खनिज तेल, कोयला, नमक आकद हैं, जो विशेष रूप से फरगाना घाटी में पाए जाते हैं।
क्रांति के पूर्व यहाँ उद्योग नहीं थे, परंतु अब स्टालिनाबाद में सूती वस्त्र उद्योग के बड़े बड़े कारखानें हैं। अन्य प्रसिद्ध उद्योगों में चमड़ा साफ करने एवं सिलाई की मशीन बनाने के कारखाने मुख्य हैं। लेनिनाबाद रेशम तथा फल संबंधी उद्योग धंधों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ से सूखे मेवे, मुख्यत: किशमिश तथा खुबानी आदि, रूस के विभिन्न भागों में भेजे जाते है।
ऊँचे पर्वतों के कारण यातायात की सुविधाएँ सीमित हैं तथा सड़कें ऊँचे ऊँचे दर्रो से गुजरती हैं। लेनिनबाद-स्टालिनाबाद मोटर मार्ग हिसार और तुर्किस्तान के पर्वतों को ३,००० मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर पार करता है। दूसरा प्रसिद्ध मोटर मार्ग ओशखोरोग है, जिसे पामीर पर्वत के ४,००० मीटर से भी अधिक ऊँचे भाग से गुजरना पड़ता है।
यहाँ का मुख्य नगर तथा राजधानी स्टालिनाबाद या दुशंबे है, जो ८११ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की जनसंख्या २४,८०० (१९६१) थी। यह नगर रेल द्वारा तरमेज से मिला हुआ है। लेनिनाबाद प्राचीन नगर है, जो फरगाना घाटी के मुख पर रेल मार्ग पर स्थित है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ