तिरुमलांबा
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तिरुमलांबा विजयनगर के शासक श्री कृष्णदेव राय की धर्मपत्नी थी। सन् 1509 ई० में श्री कृष्णदेवराय का विजयनगर राजधानी में राज्याभिषेक हुआ था। मनुचरित्र के रचयिता अल्लसानि पेद्दना के अनुसार श्री कृष्णदेवराय ने तिरुमलांबा के साथ मिलकर शासन किया। 10 फरवरी, 1516 ई० को श्री कृष्णदेवराय ने तिरुमलांबा के साथ बालाजी के दर्शन किए। इसके स्मृति स्वरूप उन्होने अपना एवं तिरुलांबा की ताम्र मूर्तियों का मंदिर में प्रतिष्ठापन कराया।
इतिहासज्ञ न्यूनतिज का मत है कि तिरुमलांबा नरसिंग राज के परिवार की कन्या थी। पेयस् का कहना कि वे श्रीरंगपट्टणम् के शासक की पुत्री थीं। सूयेल की सम्मति है कि वे चामराजा की पुत्री थीं, जिसने सन् 1478 ई० से 1513 ई० तक मैसूर राज्य का शासन किया था।
तिरुमलै तिरुपति देवस्थानं की खोज रिपोर्ट से ज्ञात होता है कि तिरुमलांबा श्रीकृष्णदेवराय की पट्टमहिषी थीं तथा सिंहासनारूढ़ होने के पूव ही श्रीकृष्णदेवराय ने उनके साथ विवाह कर लिया था। रायस्तकोंड़ नरसय्या का लिखा गया शिलालेख भी इसकी पुष्टि करता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ