दि लोरेंजो क्रेडी
दि लोरेंजो क्रेडी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 216 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
दि लोरेंजो क्रेडी (1457-1537 ई.)। इटली का प्रख्यात चित्रकार जो वार्ड्यूसी के नाम से प्रसिद्ध था। उसका जन्म फ्लोरेंस में हुआ था और वह लोनार्डो दि विंसी और वरोशियों नामक प्रख्यात चित्राकारों का समकालिक और मित्र था। क्रेडी ने फ्लोरेंस में काम करना आरंभ किया और लोग सार्वजनिक स्थानों के सजाने सँवारने में उससे राय लिया करते थे। उसी की सलाह के अनुसार फ्लोरेंटाइन के सुप्रसिद्ध क्रै्थ्राडल (गिर्जाघर) का सामना बना और उसको प्रदीप्त करने की व्यवस्था की गई थी। जब माइकेल एंजिलों के चित्र डेविड के टाँगने की बात आई तब भी उसने सलाह ली गई थी। उसने अधिकांशत: छोटे चित्र बनाए हैं। कभी कभी वह बड़े धार्मिक चित्र भी बनाया करता था। उसकी ख्याति महीन काम के लिये ही रही है। उसके बनाए मेडोन्ना (ईसा की माता कुमारी मेरी) के चित्र यूरोप की अनेक चित्रशालाओं में सुरक्षित हैं। उसका सुविख्यात भित्तिचित्र पिस्टोइया के गिर्जाघर में है। उसमें उसने संतों के बीच माता-पुत्र (वर्जिन एंड चाइल्ड) अंकित किया है। मेंज के चित्रशाला में भी उसकी एक सुंदर कृति सुरक्षित है। लंदन की राष्ट्रीय चित्रशाला में भी क्रेडी के बनाए माता-पुत्र के दो चित्र तथा चास्टांज दे मेडिसी का पोट्रेट है। उसकी मृत्यु 12 जनवरी, 1537 ई. को हुई।
टीका टिप्पणी और संदर्भ