फ्रीडरिक एंजिल्स
फ्रीडरिक एंजिल्स
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 204 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कैलाशचंद्र शर्मा |
एंजिल्स, फ्रीडरिख़ (1820-95) जर्मन समाजवादी। 28 नवंबर, 1920 को बरमेन (प्रशा) में जन्म। इनके पिता जर्मनी के एक कारीगर थे। सन् 1842 से 1844 तक ये मैनचेस्टर (इंग्लैंड) में रहे। 1848 ई. के दौरान इन्होंने बडेन के क्रांतिकारी आंदोलन में हिस्सा लिया और 1850 ई. में पुन: मैनचेस्टर लौट आए। यहाँ ये एक शिल्प व्यवसाय में हिस्सेदार होकर 1860 से 1869 तक रहे। पश्चात् इनका अधिकांश समय लंदन में व्यतीत हुआ। कार्ल मार्क्स के ये अभिन्न मित्र थे और अंतरराष्ट्रीय समाजवादी आंदोलन के संगठन तथा संचालन में उनके प्रमुख एवं अत्यधिक दक्ष सहयोगी की हैसियत से कार्य करते रहे। बाद में ये 'वैज्ञानिक समाजवाद' के प्रस्तोता के रूप में प्रसिद्ध हुए। 1870 ई. में एंजिल्स बेल्जियम, इटली तथा स्पेन की 'इंटरनेशनल वर्किंगमेंस सोसाइटी' के पत्राचारसचिव रहे। मार्क्स के सहयोग से 1847 ई में इन्होंने क्म्युनिस्ट घोषणापत्र लिखा। इनकी अन्य पुस्तकें 'द वर्किग क्लास इन इंग्लैंड' (1844 ई.) 'दि ओरिजिन ऑव द फ्रैमिली' तथा 'द डेवलपमेंट ऑव सोशलिज्म फ्राम यूटोपिया टु साइंस' (1894; अधूरी) हैं। इन्होंने मार्क्स रचित कैपिटल का संपादन भी किया है। 5 अगस्त, 1895 ई. को लंदन में इनका देहांत हो गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ