महाभारत भीष्म पर्व अध्याय 20 श्लोक 14-19
विंश (20) अध्याय: भीष्म पर्व (श्रीमद्भगवद्गीता पर्व)
हाथ में हथियार लिये सुशिक्षित सुराष्ट्रदेशीयवीरों तथा वृष्णि और भोजवंश के महारथियों द्वारा पालित विशाल सेना कृतवर्माद्वारा सुरक्षित होकर आपकी सेना के दायिने दाहिने भाग से होकर युद्ध के लिये यात्रा कर रही थी। ‘या तो हम अर्जुन पर विजय प्राप्त करेंगे अथवा हमारी मूत्यु हो जायगी’ ऐसी प्रत्तिज्ञा करके दस हजार संशप्तक रथी तथा बहुत-से अस्त्रवेत्ता त्रिगर्तदेशीय शूरवीर जिस ओर अर्जुन थे, उसी जा रहे थे। भारत! आपकी सेना में ऐ लाख से अधिक हाथी थे। एक-एक हाथी के साथ सौ-सौ रथ थे और एक-एक रथ के साथ सौ-सौ घोड़े थे। प्रत्येक अश्व के पीछे दस-दस धनुर्धर और प्रत्येक धनुर्धर-के साथ सौ-सौ पैदल सैनिक नियुक्त किये गये थे, जो ढाल-तलवार लिये रहते थे। भरतनंदन! इस प्रकार भीष्माजी ने आपकी सेनाओं का व्यूह रचा था। शांतनुनंदन सेना पति भीष्म प्रत्येक दिन मानुष, दैव, गान्धर्व और आसुर प्रणालीके अनुसार व्यूह-रचना करके सेनाके अग्रभाग में स्थित होते थे। भीष्मद्वारा रचित कौरव-सेना का व्यूह महारथियों के समुदाय से सम्पन्न हो समुद्र के समान गर्जना करता था। युद्ध में उसका मुख पश्र्चिम की ओर था।
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