मैनडेल क्रीगटन
मैनडेल क्रीगटन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 209 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
मैनडेल क्रीगटन (1843-1901ई.) अँगरेज इतिहासकार और पादरी। 5 जुलाई, 1843 ई. के कार्लिस्ले में जन्म । डरहम के ग्रामर स्कूल तथा आक्सफोर्ड के मेर्टन कालेज में शिक्षा। आरंभ में कुछ दिनों अध्यापन कार्य किया फिर 1873 ई. में पादरी बने। पादरी बनने से पूर्व 1872 ई. में लुइसवान ग्ल्ह्रे से, जो अनेक इतिहास सम्बंधी पाठ्य पुस्तकों की लेखिका थीं, विवाह किया। 1857 ई. में वे इंबलटन (नार्थ हंबरलैंड) के पादरी नियुक्त हुए। वहाँ उन्हें बाम्बर्गकीप के एक सुसंगृहीत पुस्तकालय के संपर्क में आए। फलत: उन्होंने उपने सुविख्यात ग्रंथ ‘हिस्ट्री ऑव द पैपेसी’ के दो खंड लिखे। 1884 ई. में वे कैंब्रिज में धार्मिक इतिहास के प्राचार्य बनाए गए। कैंब्रिज में ऐतिहासिक समुदाय के संघटन में उनका बहुत बड़ा योग रहा। 1886 ई. में कतिपय प्रमुख इतिहासकारों के सहयोग से आपने ‘इंगलिश हिस्टारिकल रिव्यू’ पत्रिका प्रकाशित की और पाँच वर्ष तक उसके संपादक रहे। 1894 ई. में वे चर्च हिस्टारिकल सोसायटी के प्रथम अध्यक्ष बने और आजीवन उस पद पर रहे।
1897 ई. में वे लंदन के विशप बनाए गए। उनके पूर्वाधिकारी विशप के समय में धार्मिक कृत्यों में अनेक प्रकार की अनियमितताएँ की जाने लगी थीं, जिसके कारण इनके सम्मुख अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई। उन्होंने अपने ज्ञान के आधार पर उसे स्वच्छ करने की चेष्टा की पर उसका परिणाम उल्टा निकाला। लोगों ने उन्हें गलत समझ लिया। 1900 ई. में ‘होली यूचरिस्ट’ के सिद्धांत और कर्मकांडों और उनके व्यावहारिक रूप पर विचार करने के लिये उन्होंने फुलहम में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों की एक सभा बुलाई। उस सभा का जो कार्यविवरण प्रकाशित हुआ उसकी उन्होंने भूमिका लिखी।
विशप होने से पूर्व वे इतिहासकार थे इस कारण विशप के रूप में वे जो कुछ भी करते उसमें उनका इतिहासकार स्वरूप मुखरित रहता। इस कारण वे अनैतिहासिक कर्मकांडों के बाह्याडंबर की आलोचना करते हुए स्वयं कर्मकांडी बन गए थे। 14 जनवरी, 1901 ई. को उनकी मृत्यु हुई और वे संतपाल के गिरजाघर में दफनाए गए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ