महाभारत द्रोण पर्व अध्याय 131 श्लोक 1-18

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एकत्रिंशदधिकशतकम (131) अध्याय: द्रोण पर्व (जयद्रथवध पर्व)

महाभारत: द्रोण पर्व: एकत्रिंशदधिकशतकम अध्याय: श्लोक 1-18 का हिन्दी अनुवाद

भीमसेन के द्वारा कर्ण की पराजय

संजय कहते हैं - भरतश्रेष्ठ महाराज ! इस प्रकार रोमांचकारी संग्राम छिड़ जाने पर जब सारी सेनाएँ सब ओ से पीढि़त और व्याकुल हो गयीं, तब राधा नन्दन कर्ण युद्ध के लिये पुनः भीमसेन के सामने आया। ठी उसी तरह, जैसे वन में एक मतवाला हाथी दूसरे मदोन्मत्त हाथी पर आक्रमण करता है। धृतराष्ट्र ने पूछा - संजय ! महाबली कर्ण और भीमसेन ने अर्जुन के रथ के निकट जाकर जो बड़े वेग से युद्ध किया, उनका वह संग्राम कैसा हुआ ? भीमसेन ने युद्ध में जब राधा नन्दन महारथी कर्ण को पहले ही जीत लिया था, तब वह पुनः उनका सामना करने के लिये कैसे आया ? अथवा भीमसेन भूमण्डल के श्रेष्ठ एवं विख्यात महारथी सूतपुत्र कर्ण से समरांगण में युद्ध करने के लिये कैसे आगे बढ़े ? भीष्म और द्रोण से पार पाकर धर्मराज युधिष्ठिर को अब महारथी कर्ण के सिवा दूसरे किसी से भय नहीं रह गया है। पहले जिस महाबाहु राधा नन्दन कर्ण के बल पराक्रम का नित्य चिन्तन करते हुए राजा युधिष्ठिर भय के मारे बहुत वर्षों तक नींद नहीं लेते थे, उसी सूत पुत्र कर्ण के साथ भीमसेन ने सूर भूमि में किस तरह युद्ध किया ? जो ब्राह्मण भक्त, पराक्रम सम्पन्न और समर भूमि में कभी पीछे न हटने वाला है, योद्धाओं में श्रेष्ठ उस कर्ण के साथ भीमसेन ने किस प्रकार युद्ध किया ? जो वीर पहले आपस मे भिड़ चुके थे, वे ही महान् बल और पराक्रम से सम्पन्न कर्ण और भीमसेन यहाँ पुनः कैसे युद्ध में प्रवृत्त हुए ? पहले तो सूत पुत्र कर्ण ने अर्जुन के सिवा अन्य पाण्डवों के प्रति बन्धुत्व दिखाया था और वह दयालु भी है ही, तथापि कुन्ती के वचनों को बारंबार स्मरण करते हुए भी उसने भीमसेन के साथ कैसे युद्ध किया ? अथवा शूरवीर भीमसेन ने पहले के किये हुए वैर का स्मरण करके सूत पुत्र कर्ण के साथ उस रण क्षेत्र में किस प्रकार युद्ध किया ?
संजय ! मेरा बेटा दुर्योधन सदा यही आशा करता है कि कर्ण संग्राम में समसत पाण्डवों को जीत लेगा। युद्ध स्थल में जिसके ऊपर मेरे मूर्ख पुत्र की विजय की आशा लगी हुई है, उस कर्ण ने भयंकर कर्म करने वाले भीमसेन के साथ किस प्रकार युद्ध किया ? तात ! जिसका आश्रय लेकर मेरे पुत्रों ने महारथी पाण्डवों के साथ वैर ठाना है, उस सूत पुत्र कर्ण के साथ भीमसेन ने किस प्रकार युद्ध किया ? सूत पुत्र के द्वारा किये गये अनेक अपकारों को स्मरण करके भीमसेन ने उसके साथ किस तरह युद्ध किया ? जिस पराक्रमी वीर ने एक मात्र रथ की सहायता से सारी पृथ्वी को जीत लिया, उस सूत पुत्र के साथ रण भूमि में भीमसेन ने किस तरह युद्ध किया ? जसे जन्म से ही कवच और कण्डलों के साथ उत्पन्न हुआ था, उस सूत पुत्र के साथ समरांगण में भीमसेन ने किस प्रकार युद्ध किया ? संजय ! उन दोनों वीरों में जिस प्रकार युद्ध हुआ और उनमें से जिस एक को विजय प्राप्त हुई, उसका वह सब समाचार मुझे ठीक-ठीक बताओ; क्योंकि तुम इस कार्य में कुशल हो।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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