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'''आर्नो''' इटली की एक नदी है। यह फाल्टरोना पहाड़ (ऊंचाई 4,265 फुट) से निकलती है, जो फ्लोरेंस से | '''आर्नो''' इटली की एक नदी है। यह फाल्टरोना पहाड़ (ऊंचाई 4,265 फुट) से निकलती है, जो फ्लोरेंस से 25 मील उत्तर पूर्व में है। यह टसकनी को दो भागों में बाँटती है तथा अरेज्जो होती हुई पीसा से आत मील नीचे लिगूरियन समुद्र में गिरती है। प्राचीन काल में पीसा इसी नदी के मुहाने पर बसा था। इस नदी की लम्बाई 155 मील है और बड़ी बड़ी नावें फ्लोरेंस तक जाती हैं। नदी में सदा बाढ़ आने का भय रहता है। कई जगहों पर नदी के किनारों पर रक्षात्मक बाँध बनाए गए हैं। | ||
१२:०६, १६ जून २०१८ के समय का अवतरण
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आर्नो
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 436 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री नृपेंद्रकुमार सिंह |
आर्नो इटली की एक नदी है। यह फाल्टरोना पहाड़ (ऊंचाई 4,265 फुट) से निकलती है, जो फ्लोरेंस से 25 मील उत्तर पूर्व में है। यह टसकनी को दो भागों में बाँटती है तथा अरेज्जो होती हुई पीसा से आत मील नीचे लिगूरियन समुद्र में गिरती है। प्राचीन काल में पीसा इसी नदी के मुहाने पर बसा था। इस नदी की लम्बाई 155 मील है और बड़ी बड़ी नावें फ्लोरेंस तक जाती हैं। नदी में सदा बाढ़ आने का भय रहता है। कई जगहों पर नदी के किनारों पर रक्षात्मक बाँध बनाए गए हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ