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आंद्रिया देल कैस्तान्यो
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 147 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | पद्मा उपाध्याय |
आंद्रिया देल कैस्तान्यो (1423-57) फ्लारेंस (इटली) का वैज्ञानिक चित्रकार। इनका पूरा नाम आंद्रिया (आंद्रेइनो) दी बार्तोलोमो दी सीमोने था और उनका जन्म कास्तान्या (मुगेलो घाटी, इटली) में हुआ था। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन वेनिस में बिताया; वहाँ उन्होंने कुछ रेखाचित्र प्रस्तुत किए; फिर 1444 में फ्लोरेंस लौट आए। उनके इस काल के चित्रों मे मुख्य अंतिम भोज है। उनका सुख्यात भित्तिचित्रसमूह इवैंजेलिस्त संत जान, संत बेनेदिक्त तथा संत रोमुआल्द का है। एक अन्य महत्वपूर्ण भित्तिचित्र नौ प्रसिद्ध नरनारियों का है जिनमें पिप्पों स्पानों का प्रसिद्ध चित्र है और दांते, पेत्राकै तथा बोकाचों आदर्श रीति से आलिखित है। उनका एक क्रूस चित्रण लंदन की राष्ट्रीय चित्रशाला में है। कैस्तान्यो के अंतिमकालीन भित्तिचित्रों में से एक कुमारी का काष्ठचित्रण (1449-50) बर्लिन में और दूसरा योद्धा निकोलो (1453) फ्लोरेंस में है। उनकी शैली मासाचो तथा दोनातेलों की तकनीकी दिशा में विकसित हुई थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ