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*उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा साहित्य अप्राप्य था। यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत वह प्राचीन इतिहास वैज्ञानिकदृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है। | *उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा साहित्य अप्राप्य था। यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत वह प्राचीन इतिहास वैज्ञानिकदृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है। | ||
*गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम अंग्रेजी अनुवाद | *गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम अंग्रेजी अनुवाद 1५७४ में प्रकाशित हुआ। | ||
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११:४१, १२ अगस्त २०११ का अवतरण
- जुस्तिन जस्टिन (मार्कस जस्तिनियनस, जस्तिनस) लातिनी इतिहासकार था।
- यह रोम में लगभग दूसरी-तीसरी शताब्दी में रहा।
- इसने आगुस्तस के समकालीन त्रागस पांपियस द्वारा लिखित प्राचीन काल के इतिहास का संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया।
- उस समय तक त्रागस पांपियस का लिखा साहित्य अप्राप्य था। यद्यपि जुस्तिन द्वारा प्रस्तुत वह प्राचीन इतिहास वैज्ञानिकदृष्टि से पूरा सही नहीं कहा जा सकता तथापि अप्राप्य इतिहास का अकेला साधन होने के कारण इसका यथेष्ट महत्व है।
- गोल्डिंग द्वारा इसका प्रथम अंग्रेजी अनुवाद 1५७४ में प्रकाशित हुआ।