महाभारत उद्योग पर्व अध्याय 20 श्लोक 18-21
विंश (20) अध्याय: उद्योग पर्व (सेनोद्योग पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: विंश अध्याय: श्लोक 18-21 का हिन्दी अनुवाद
ये कौरवो की ग्यारह अक्षौहिणी सेनाएं एक ओर से आवें और दूसरी ओर केवल अनेक रूपधारी महाबाहु अर्जुन हो, तो वे अकेले ही इन सबके लिये पर्याप्त है ।‘ जैसे किरीटधारी अर्जुन अकेले ही इन सब सेनाआंे से बढ़कर है उसी प्रकार महातेजस्वी महाबाहु श्रीकृष्ण भी है । ‘युधिष्ठर सेनाओं के बाहुल्य किरीटधारी अर्जुन के पराक्रम तथा भगवान् श्रीकृष्ण बुद्धिमŸा को जान लेने पर कौन मनुष्य पाण्डवों के साथ युद्ध कर सकता है । अतः आप लोग अपने धर्म और पहले की हुई प्रतिज्ञा के अनुसार पाण्डवों को उनका आधा राज्य जो उन्हे मिलना चाहिये, दे दीजिये । कही ऐसा न हो कि वह सुन्दर अवसरआप लोगों के हाथ से निकल जाये ‘।
इस प्रकार श्रीमहाभारत के उद्योगपर्व के अन्तर्गत सेनोद्योगपर्व में पुरोहित प्रस्थान विषयक बीसवाँ अध्याय पूरा हुआ ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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