आनंदभैरव

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:५४, १० जनवरी २०१७ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
आनंदभैरव
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 375
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक डॉ. सद्गोपाल

आनंदभैरव संगीत के प्राचीन भारतीय पंडितों के अनुसार रागों के प्रमुख छह भेद बताए गए हैं, यथा भैरव,श्री, मालकास, दीपक, मेघ और हिंडोल। आनंभैरव तथा वसंतभैरव राग भैरव के दो विभेद हैं, यद्यपि आजकल इन विभेदों का प्रचलन नहीं रह गया है। भैरव प्रात:काल का राग है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ